भारत सरकार द्वारा शहद निर्यात पर मिनिमयम एक्सपोर्ट प्राईज तय कर दिये जाने से मधुमक्खी पालकों में खुशी की लहर व्याप्त है। मौनपालकों ने पीएम मोदी का आभार जताया है।
मधुमक्खी पालन को विशिष्ट पहचान देने वाले जनपद के वरिष्ठतम मधुमक्खी पालक अजय सैनी ने सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए बताया कि मधुमक्खी पालन के विकास हेतु देश में मिनिमयम निर्यात मूल्य लागू किया जाना अति आवश्यक हो गया था। इससे अब मधुमक्खी पालको को उनके शहद का उचित मूल्य मिल सकेगा और कोई भी निर्यातक दिसम्बर 2024 तक 2000 डॉलर प्रति टन के मूल्य से कम पर निर्यात नही कर पायेगा। अजय सैनी ने मधुक्रांति वेलफेयर सोसायटी व एमएपी के लिए प्रयासरत तमाम संगठनों को बधाई दी है। मधुमक्खीपालकों सत्यव्रत, देवव्रत शर्मा बीराखेडी, अरविन्द सैनी, मो. तंजीम अंसारी, प्रवीन शर्मा, रविकांत मित्तल, सुनील भगवानपुर, नीटू भगवानपुर, अमन सैनी मुबारिकपुर, राहुल मुबारिकपुर ने सरकार के उक्त कदम मधुमक्खी पालन को गति देने वाला बताया है। जिससे भविष्य में शहद का लागत मूल्य मधुमक्खीपालको को मिल सकेगा। भारत के मधुमक्खी पालको के लिए राहत व खुशी की खबर है।