सर्राफा बाजार स्थित पूरी तरह खड़र हो चुकी पुलिस चैंकी बनी स्मैकियों का अड्डा। चैंकी स्मैकियों का अड्डा बनने से आसपास रहने वालों को चोरी होने का डर लगा रहता है। नगर अनेक पुराने भवनों को नया आकार मिल गया है, लेकिन सर्राफा बाजार स्थित पुलिस चैंकी के दिन आज भी गर्दिश में है। इस मुख्य बाजार में बनी चैंकी में कोई पुलिसकर्मी रहने को तैयार नही है।




समय बीतने के साथ साथ-साथ कई पुराने भवनों के दिन फिर गए है। ककराली सरोवर के सौन्दर्यकरण का काम पिछले वर्षों में हुआ। भले ही वह नागरिकों की इच्छा के अनुसार व मानक के अनुसार न हुआ हो, लेकिन काम तो हुआ। कोतवाली परिसर में करोड़ों की लागत से कार्यालय व आवासों का निर्माण कराया गया तथा नगर पालिका का जर्जर भवन भी अतीत में खो गया, लेकिन अंग्रेजी षासनकाल से चली आ रही सर्राफ बाजार पुलिस चैंकी की हालात नही बदली। पुलिस चैंकी बिल्कुल खराब हालत में पहुंच गई है, जो कमरे बचे है वे खड़र हो गए है। यहां कोई पुलिसकर्मी भी नही रहना चाहता है। लम्बे समय से लोग इसके जीर्णोंद्धार की मांग करते रहे है, लेकिन सिवाए आश्वासन के कुछ और हासिल नही हो सका।
चैंकी में पुलिस की मौजदूगी से सर्राफ व्यापारी सुरक्षित महसूस करते रहे, लेकिन जब से यहां चैंकी उजाड़ हुई तब से अनेक वारदातें हो चुकी है। सर्राफ बाजार प्रमुख बाजारों में है फिर भी पुलिस विभाग इसका जीर्णोंद्धार नही करा रहा है। यादि इसका पुननिर्माण हो जाए तो यहां पुलिसकर्मियों की उपस्थित से बदमाषों के हौसलें पस्त होगे। लेकिन यहां पुलिस की जगह नशड़ियों व स्मैकियों ने अपना अड्डा बना लिया। नागरिकों को हर बार अधिकारियों ने आश्वासन अवश्य दिए, लेकिन क्रियान्वयन आज तक नही हो सका है। नागरिकों ने जल्द से जल्द पुलिस चैंकी के जीर्णोंद्धार की मांग की है।